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बिहार फोर्सेज के राज्य स्तरीय परामर्श बैठ
दिनांक: 15/11/2022 , स्थान: मौर्या टावर, पटना
दिनांक 15 नवम्बर 2022 को निदान कार्यालय में बिहार फोर्सेज नेटवर्क के सदस्यों की बैठक हुई | बैठक में नेशनल फोर्सेज नेशनल फोर्सेज के समन्वयक सुश्री चीराश्री घोष एवं श्री भूपेंद्र शांडिल्य ने भाग लिया | उपस्थित सभी प्रतिभागियो ने अपना परिचय देते हुए अपने क्षेत्र मे किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी | कार्यक्रम की शुरुआत निदान के राकेश त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियो का स्वागत करते हुए किया और बिहार फोर्सेस के कार्यक्रम एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला ।
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कार्यक्रम का एजेंडा
समय | गतिविधि |
10:00 AM – 10:15AM | स्वागत और प्रतिभागियों का परिचय |
10:15 AM – 10:30 AM | पृष्ठभूमि और संदर्भ |
10:30 AM – 11:00 AM | राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर वर्तमान नीति और योजनाएं |
11:00 AM – 12:15 PM | बिहार में क्रेच और चाइल्डकैअर सेवा की वर्तमान स्थिति और संभावित समाधानों पर चर्चा |
12:15 PM – 12:30 PM | चाय ब्रेक |
12:30 PM – 01:30 PM | चाइल्डकैअर अभियान के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र और अभियान के लिए हितधारक विश्लेषण |
01:30 PM – 02:30 PM | दिन का खाना |
02:30 PM – 03:45 PM | क्रेच और चाइल्डकैअर अभियान के आसपास बिहार फोर्सेज के लिए परिप्रेक्ष्य योजना विकसित करना और भूमिकाओं और जिम्मेदारियों सहित चार मासिक योजना तैयार करना |
03:45 PM – 04:00 PM | परामर्श का संक्षेपण |
4:00 PM | धन्यवाद प्रस्ताव |
निदान के कार्यक्रम समन्वयक श्री राकेश त्रिपाठी ने कहा की कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन की श्रृंखला के परिणामस्वरूप राज्य भर में स्वास्थ्य, पोषण, बाल देखभाल और शिक्षा सेवाओं में दीर्घकालिक व्यवधान आया। वर्तमान स्थिति को समझने के लिए एक राज्य स्तरीय परामर्श बैठक में विभिन्न जिले से आये स्वं सेवी संस्थावों ने अपने जिला का स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी की है ताकि बजट पूर्व सरकार को वस्तुस्तिथि से अवगत करवाया जा सके| विदित हो की महिला और बाल संरक्षण के मुद्दे पर निदान अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के मुद्दों पर एक समर्पित और गंभीर नेटवर्क बिहार फोर्सेज का गठन किया गया है। बिहार फोरम फॉर क्रेच एंड चिल्ड्रेन सर्विसेज, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं से संबंधित मुद्दों और 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल से संबंधित संगठनों का एक नेटवर्क है।
ICDS & UNICEF से मीनाक्षी शुक्ला जी ने सन्दर्भ पर चर्चा करते हुए बताया की श्रम शक्ति रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर, शिशु देखभाल सेवाओं की आवश्यकता पर में हुई चर्चा में फोरम फॉर क्रेच एंड चाइल्ड केयर सर्विसेज (FORCES) का जन्म हुआ। अपनी स्थापना के बाद से, FORCES ने शिक्षा के अधिकार, खाद्य सुरक्षा का अधिकार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक विधेयक, और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) पर कानून के माध्यम से शिशु देखभाल और मातृत्व अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से और सफलतापूर्वक वकालत की है । इनहोने कहा की हम लोगो को रेगुलटेरी पर काम करना चाहिए , माडल क्रेस होना चाहिए इसके लिए नोर्म्स एवं स्टंडेर्ड तय होना चाहिए, यंग चाइल्ड के मुद्दे पर भी हमलोगो को बात करना चाहिए, लिंकेज के मुद्दे, इंटर कोन्नेक्टिव मुद्दे और इन सभी मुद्दो को हमारे जन प्रतिनिधि को वोट बैंक के रूप मे दिखाना चाहिए । बिहार मे ICDS की स्थिति पर बिस्तरित प्रकाश डाला जो निम्न है – कुल AWSC – 1.14 लाख अगस्त से नाम बद्ल्कर SAKSHM, 2017 से प्रोग्रैस मोड मे चल रहा है , ECCE पॉलिसी के अनुसार ICDS के द्वारा एक राज्य स्तरिए कमिटी बनाया गया है, बिहार मे कोई ट्रेनिंग सेनटर नहीं है, Bihar open school examination board के द्वारा online कोर्से करवाया जा रहा है AWSC कार्यकर्ता का (डिप्लोमा कोर्स ) । ICDS का अपना online मॉनिटरिंग app है , पोषण ट्रैकर भी है, हर महीने के 14 तारीख को ECCD day मनाया जाता है , अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है, 6 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है , 1190 मॉडल AWSC है बिहार मे, अभी 16 नवम्बर से ट्रेनिंग चालू हो रहा है फ़ाउंडेशन & लर्निंग पर फोकश किया जाता है, mapping/tagging of the AWSC with primary school in process, focused on functional literacy, geographical learning & balvadika process पर ध्यान दिया जाता है ।
राष्ट्रीय फोर्सेज की समन्वयक सुश्री चीराश्री घोष ने कहा की भारत में पिछले दो दशकों में शिशु के देख भाल से सम्बंधित नीति में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। लेकिन बाल अधिकार उनके हनन और नीतिगत व्यवस्थाओं अभी और सुधार करने की जरुरत है| बच्चों के मुद्दे पर शासन प्रशासन को अपनी नीतियों को और धारदार बनाने की आवश्यकता है | आगे उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी की स्थिति और 0-6 आयु वर्ष के बच्चों के सर्वांगीण विकास में कैसे बेहतर सुधार हो सकता है इसका एक आदर्श मॉडल तैयार किया जाना चाहिए|
श्री भूपेंद्र शांडिल्य ने इस अवसर पर कहा राज्य सरकार द्वारा इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि बाल विकास हेतु समग्र व एकीकृत योजना तैयार कर अमल में लाया जा सके| कुछ आदर्श पलना घर सेंटर का भी निर्माण कर अन्य को एक दिशा दिया जा सकता है |
चुनौतियाँ –
पोषक क्षेत्र मे AWSC नहीं चल रहा है खास दलित और महादलित को लेकर समस्या है
AWSC का बिल्डिंग होने के बावजूद वर्कर अपनी घर मे ही सेंटर चलाते है
प्लान इंडिया के द्वारा आँगनबारी बचो के जुबानी कार्यक्रम चलाते थे जिसमे काफी चिजे निकलकर आती थी परंतु समाज के बहुत सारे लोगो का प्रेशर आने लगा कार्यक्रम को बंद करने को लेकर जिसके कारण बंद करना परा
स्कूल जाने से पहले बच्चे को 3 महीने का ट्रेनिंग मिलना चाहिए चाहक कार्यक्रम के तहत
CBOS और सरकार का एक साथ काम होना चाहिए
सामाजिक जागरूकता होनी चाहिए इसके लिए
आँगनवारी वर्कर 24 प्रकार का रजिस्टर भरते जिसके लिए सभी वर्कर सक्षम नहीं होते है
सुराज के द्वारा एक सर्वे करवाया गया था जिसमे 777 परिवार मे 827 बच्चे स्कूल से बाहर पाये गए थे
खुली परिचर्चा: –
अन्य राज्य के भविष्य के कार्यक्रम को पहले बताया जाए यह अजय जी के द्वारा कहा गया
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,गुजरात,दिल्ली & झारखंड मे मोबाइल क्रेस के द्वारा स्टडी किया गया है
सभी राज्यो के द्वारा स्टडी को लेकर ही बढ्ने का प्लानिंग किया है
गुजरात मे चुनाव को लेकर सिर्फ वाकालत कार्यक्रम ही रखा गया है
झारखंड मे 14 – 20 नवम्बर के बीच होने वाले सरकारी कार्यक्रम के साथ ही कर रहे है
4 राज्य नेटवर्क मजबूत करने पर कम कर रहे है
क्रेश की जरूरत है तो किस रूप मे इसके लिए फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग पर कम करेंगे
राज्य स्तरिए कार्यक्रम करेंगे जिसमे कुछ केश स्टडि को लेकर बात करेंगे
बिहार के लिए दीर्घ कालीन योजना :
1 3. स्तरिए प्लानिंग की जनि चाहिए –
सरकार
समाज
प्रशासनिक स्तर पर
कुल आबादी के 46% बच्चे है , सरकार से चाइल्ड बजटिंग के लिए बात करना चाहिए
चाइल्ड फ्रेंडली गाव बनना चाहिए
फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग के लिए सर्वे करना होगा
लाइन डिपार्टमेंट से समन्वय बैठाना होगा
बजट बढ़ाने के लिए बिधान सभा मे बात उठाना होगा
सेकेंडरी डाटा के साथ मांग करना होगा
प्रशाश्निक स्तर पर हमे टार्गेट करना हैगा
ECCC पॉलिसी के अनुसार बिहार मे 6000 AWC को क्रेस मे परिवर्तित किया जाए
पाहुच और अच्छे से AWC चले इसके लिय समुदाय से बात करना होगा
कई जगह पोषक क्षेत्र को सही करने के लिए कम करना होगा
बिहार फोर्सेस मेपिंग करके सरकार को दे
स्ट्रीट चिल्ड्रेन को भी हम लोगो सामील करना चाहिए
क्रेस कहा होना चाहिए – वर्क साइड पर , ICDS के द्वारा तय स्थान & कमजोर क्षेत्र मे
सरकारी स्कूल से बच्चो और महिला को जोरना चाहिए
समुदाय स्तर तक सरकारी योजना की जानकारी पाहुचाया जाए
AWW को ट्रेनिंग देना चाहिए
स्टेसन के पास के बच्चे पर भी हमे काम करना चाहिए
समुदाय को अपना अधिकार सम्झना होगा
बाढ़ के समय के लिए भी तैयारी होनी चाहिए
फोर्सेस के लेवल पर मॉडल क्रेस होना चाहिए
हमारे पुराने डॉक्युमेंट्स को भी रिवियू करना चाहिए
सरकारी योजना का लिस्ट हमारे पास होना चाहिए
हैंड होल्डिंग सपोर्ट भी होना चाहिए
बेस्ट प्रेक्टिस को भी कलेक्ट करना होगा
लोकल संसाधन पर भी काम करने की जरूरत है
4 महीने का डीटेल प्लानिंग बनाने की जरूरत है
अल्प कालीन योजना
दिसंबर 2022 – मार्च 2023- जिन पर सभी भागीदारों की सहमति है-
एक तथ्य खोज (Fact Finding) का संचालन करें और उसी के लिए नेशनल फोर्सेज एक मसौदा प्रश्नावली साझा करेंगे, जिसे 30 नवंबर 2022 तक बिहार फ़ोर्स पार्टनर द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा |
भागीदारों के वर्तमान कार्य क्षेत्र में ईसीसीडी पर जागरूकता और जागरूकता कार्यक्रम के डेटा के लिए निदान एक छोटा टेम्प्लेट विकसित करेगा।
बिहार फोर्सेज द्वारा न्यूनतम 1000 महिलाओं को जागरूक किया जाएगा |
फैक्ट फाइंडिंग के बाद पटना में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। राज्य स्तरीय आयोजन का उद्देश्य मंत्री, सचिव, समाज कल्याण निदेशक और अन्य हितधारकों के साथ निष्कर्षों को साझा करना होगा।
विधानसभा में सवाल उठाने और राज्य सरकार द्वारा ईसीसीडी के लिए बजट बढ़ाने के लिए विधायकों तक पहुंचना
ईसीसीडी पर भागीदारों के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण |
बिहार फ़ोर्स की ई-मेल आईडी बनाना
धन्यवाद् ज्ञापन के साथ ही कार्यशाला समाप्त हुई |
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मीडिया
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