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State Level Consultation

Sharing findings of Rapid Survey of childcare services in Bihar

On July 7, 2023, Bihar FORCES in association with National FORCES, organized a state level consultation at the A.N Sinha Institute of Social Studies. The objective of the meeting was to present and discuss the findings of a rapid survey conducted on childcare services in Bihar by FORCES partner NGOs, propose recommendations to the government based on the findings, and develop strategies to address the identified issues. The meeting brought together 50 participants including Mrs. Sunanda Pandey, member of State Commission for Protection of Child Rights (SCPCR), Mrs. Meenakshi Shukla, UNICEF Consultant, Mr. Sanjeev Kumar, Project Lead-Plan India, Chirashree Ghosh Coordinator of National FORCES, and 22 NGOs of Bihar FORCES, community members, stakeholders, and media representatives.

After the introduction, welcome ceremony, and context setting representative of Bihar FORCES convener organization presented following key findings and recommendations of the rapid survey-

Key Findings-

  • Poor nutrition and unhygienic environment is the primary reason for their children falling sick.
  • Birth certificate of 42% children in the age group of 0 to 6 years has not been made.
  • Only 31% children have been completely vaccinated, while 32% have not been vaccinated.
  • The level of awareness about hepatitis-B & polio vaccination of children in the age group of 0 to 3 years was high, while Typhoid & Measles vaccination awareness was low.
  • 30% children never visited Aanganwadi centres while only 41 % children visiting regularly or occasionally.
  • Major reason for children not going to AWC is the location of centres at a far distance from their homes.
  • Out of the total children who visit AWCs, only 75% get nutrition and 82 % are regularly weighed.
  • 42% women said that they are not aware about monthly meeting by Aanganwadi worker with community women,
  • 43% women said that there is no creches facility and 43% women are not aware about creches.
  • 310 women’s left their children at unsafe place while they go for work.
  • Mostly working women left their children with their grandparents and siblings.
  • 21% women said that there are no toys in AWC while 36% of the women are not even aware of the availability.
  • 43% women were not aware about pre-school facility in Aanganwadi centres.
  • 40% were not aware about Village Health, Sanitation and Nutrition Day (VHSND).
  • 57% women expressed complete lack of awareness regarding ECCE day.
  • 227 women were unaware about Pradhanmantri Matra Vandna Yojna (PMMVY)  

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 बिहार फोर्सेज के राज्य स्तरीय परामर्श बैठ

  दिनांक: 15/11/2022 , स्थान: मौर्या टावर, पटना

 

दिनांक 15 नवम्बर 2022 को निदान कार्यालय में बिहार फोर्सेज  नेटवर्क के सदस्यों की बैठक हुई | बैठक में नेशनल फोर्सेज नेशनल फोर्सेज के समन्वयक सुश्री चीराश्री घोष एवं श्री भूपेंद्र शांडिल्य ने भाग लिया | उपस्थित सभी प्रतिभागियो ने अपना परिचय देते हुए अपने क्षेत्र मे किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी  | कार्यक्रम की शुरुआत निदान के राकेश त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियो का स्वागत करते हुए किया और बिहार फोर्सेस के कार्यक्रम एवं उद्देश्य  पर प्रकाश डाला ।

कार्यक्रम का एजेंडा

समय
गतिविधि
10:00 AM – 10:15AM
स्वागत और प्रतिभागियों का परिचय
10:15 AM – 10:30 AM
पृष्ठभूमि और संदर्भ
10:30 AM – 11:00 AM
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर वर्तमान नीति और योजनाएं
11:00 AM – 12:15 PM
बिहार में क्रेच और चाइल्डकैअर सेवा की वर्तमान स्थिति और संभावित समाधानों पर चर्चा
12:15 PM – 12:30 PM
चाय ब्रेक
12:30 PM – 01:30 PM
चाइल्डकैअर अभियान के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र और अभियान के लिए हितधारक विश्लेषण
01:30 PM – 02:30 PM
दिन का खाना
02:30 PM – 03:45 PM
क्रेच और चाइल्डकैअर अभियान के आसपास बिहार फोर्सेज के लिए परिप्रेक्ष्य योजना विकसित करना और भूमिकाओं और जिम्मेदारियों सहित चार मासिक योजना तैयार करना
03:45 PM – 04:00 PM
परामर्श का संक्षेपण
4:00 PM
धन्यवाद प्रस्ताव
निदान के कार्यक्रम समन्वयक श्री राकेश त्रिपाठी ने कहा की कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन की श्रृंखला के परिणामस्वरूप राज्य भर में स्वास्थ्य, पोषण, बाल देखभाल और शिक्षा सेवाओं में दीर्घकालिक व्यवधान आया। वर्तमान स्थिति को समझने के लिए एक राज्य स्तरीय परामर्श बैठक में विभिन्न जिले से आये स्वं सेवी संस्थावों ने अपने जिला का स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी की है ताकि बजट पूर्व सरकार को वस्तुस्तिथि से अवगत करवाया जा सके|  विदित हो की महिला और बाल संरक्षण के मुद्दे पर निदान अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के मुद्दों पर एक समर्पित और गंभीर नेटवर्क बिहार फोर्सेज का गठन किया गया है। बिहार फोरम फॉर क्रेच एंड चिल्ड्रेन सर्विसेज, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं से संबंधित मुद्दों और 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल से संबंधित संगठनों का एक नेटवर्क है।
ICDS & UNICEF से मीनाक्षी शुक्ला  जी ने सन्दर्भ पर चर्चा करते हुए बताया की  श्रम शक्ति रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर, शिशु देखभाल सेवाओं की आवश्यकता पर में हुई चर्चा में  फोरम फॉर क्रेच एंड चाइल्ड केयर सर्विसेज (FORCES) का जन्म हुआ। अपनी स्थापना के बाद से, FORCES ने शिक्षा के अधिकार, खाद्य सुरक्षा का अधिकार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक विधेयक, और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) पर कानून के माध्यम से शिशु देखभाल और मातृत्व अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से और सफलतापूर्वक वकालत की है । इनहोने कहा की हम लोगो को रेगुलटेरी पर काम करना चाहिए , माडल क्रेस होना चाहिए इसके लिए नोर्म्स  एवं  स्टंडेर्ड तय होना चाहिए, यंग चाइल्ड के मुद्दे पर भी हमलोगो को बात करना चाहिए, लिंकेज के मुद्दे, इंटर कोन्नेक्टिव मुद्दे और इन सभी मुद्दो को हमारे जन प्रतिनिधि को वोट बैंक के रूप मे दिखाना चाहिए ।  बिहार मे ICDS की स्थिति पर बिस्तरित प्रकाश डाला जो निम्न है –  कुल AWSC – 1.14 लाख अगस्त से नाम बद्ल्कर SAKSHM, 2017 से प्रोग्रैस मोड मे चल रहा है , ECCE पॉलिसी के अनुसार ICDS के द्वारा एक राज्य स्तरिए कमिटी बनाया गया है, बिहार मे कोई ट्रेनिंग सेनटर नहीं है, Bihar open school examination board के द्वारा online कोर्से करवाया जा रहा है AWSC कार्यकर्ता का (डिप्लोमा कोर्स ) ।  ICDS का अपना online मॉनिटरिंग app है , पोषण  ट्रैकर भी है, हर महीने के 14 तारीख को ECCD day मनाया जाता है , अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है, 6 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है , 1190 मॉडल AWSC है बिहार मे, अभी 16 नवम्बर से ट्रेनिंग चालू हो रहा है फ़ाउंडेशन & लर्निंग पर फोकश किया जाता है, mapping/tagging of the AWSC with primary school in process, focused on  functional literacy, geographical learning & balvadika process पर ध्यान दिया जाता है ।
राष्ट्रीय फोर्सेज की समन्वयक सुश्री चीराश्री घोष ने कहा की  भारत में पिछले दो दशकों में शिशु के देख भाल से सम्बंधित  नीति में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। लेकिन बाल अधिकार उनके हनन और नीतिगत व्यवस्थाओं अभी और सुधार करने की जरुरत है| बच्चों के मुद्दे पर शासन प्रशासन को अपनी नीतियों को और धारदार बनाने की आवश्यकता है | आगे उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी की स्थिति और 0-6 आयु वर्ष के बच्चों के सर्वांगीण विकास में कैसे बेहतर सुधार हो सकता है इसका एक आदर्श मॉडल तैयार किया जाना चाहिए|
श्री भूपेंद्र शांडिल्य ने इस अवसर पर कहा राज्य सरकार द्वारा इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि बाल विकास हेतु समग्र व एकीकृत योजना तैयार कर अमल में लाया जा सके| कुछ आदर्श पलना घर सेंटर का भी निर्माण कर अन्य को एक दिशा दिया जा सकता है |
 
चुनौतियाँ  –
  1. पोषक क्षेत्र मे AWSC नहीं चल रहा है खास दलित और महादलित को लेकर समस्या है
  2. AWSC का बिल्डिंग होने के बावजूद वर्कर अपनी घर मे ही सेंटर चलाते है
  3. प्लान इंडिया के द्वारा आँगनबारी बचो के जुबानी कार्यक्रम चलाते थे जिसमे काफी चिजे निकलकर आती थी परंतु समाज के बहुत सारे लोगो का प्रेशर आने लगा कार्यक्रम को बंद करने को लेकर जिसके कारण बंद करना परा
  4. स्कूल जाने से पहले बच्चे को 3 महीने का ट्रेनिंग मिलना चाहिए चाहक कार्यक्रम के तहत
  5. CBOS और सरकार का एक साथ काम होना चाहिए
  6. सामाजिक जागरूकता होनी चाहिए इसके लिए
  7. आँगनवारी वर्कर 24 प्रकार का रजिस्टर भरते जिसके लिए सभी वर्कर सक्षम नहीं होते है
  8. सुराज के द्वारा एक सर्वे करवाया गया था जिसमे 777 परिवार मे 827 बच्चे स्कूल से बाहर पाये गए थे
 
खुली परिचर्चा:
  1. अन्य राज्य के भविष्य के कार्यक्रम को पहले बताया जाए यह अजय जी के द्वारा कहा गया
  2. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,गुजरात,दिल्ली & झारखंड मे मोबाइल क्रेस के द्वारा स्टडी किया गया है
  3. सभी राज्यो के द्वारा स्टडी को लेकर ही बढ्ने का प्लानिंग किया है
  4. गुजरात मे चुनाव को लेकर सिर्फ वाकालत कार्यक्रम ही रखा गया है
  5. झारखंड मे 14 – 20 नवम्बर के बीच होने वाले सरकारी कार्यक्रम के साथ ही कर रहे है
  6. 4 राज्य नेटवर्क मजबूत करने पर कम कर रहे है
  7. क्रेश की जरूरत है तो किस रूप मे इसके लिए फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग पर कम करेंगे
  8. राज्य स्तरिए कार्यक्रम करेंगे जिसमे कुछ केश स्टडि को लेकर बात करेंगे
 
बिहार के लिए दीर्घ कालीन योजना :

1      3. स्तरिए प्लानिंग की जनि चाहिए

 सरकार
समाज
प्रशासनिक स्तर पर
कुल आबादी के 46% बच्चे है , सरकार से चाइल्ड बजटिंग के लिए बात करना चाहिए
  • चाइल्ड फ्रेंडली गाव बनना चाहिए
  • फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग के लिए सर्वे करना होगा
  • लाइन डिपार्टमेंट से समन्वय बैठाना होगा
  • बजट बढ़ाने के लिए बिधान सभा मे बात उठाना होगा
  • सेकेंडरी डाटा के साथ मांग करना होगा
  • प्रशाश्निक स्तर पर हमे टार्गेट करना हैगा
  • ECCC पॉलिसी के अनुसार बिहार मे 6000 AWC को क्रेस मे परिवर्तित किया जाए
  • पाहुच और अच्छे से AWC चले इसके लिय समुदाय से बात करना होगा
  • कई जगह पोषक क्षेत्र को सही करने के लिए कम करना होगा
  • बिहार फोर्सेस मेपिंग करके सरकार को दे
  • स्ट्रीट चिल्ड्रेन को भी हम लोगो सामील करना चाहिए
  • क्रेस कहा होना चाहिए – वर्क साइड पर , ICDS के द्वारा तय स्थान & कमजोर क्षेत्र मे
  • सरकारी स्कूल से बच्चो और महिला को जोरना चाहिए
  • समुदाय स्तर तक सरकारी योजना की जानकारी पाहुचाया जाए
  • AWW को ट्रेनिंग देना चाहिए
  • स्टेसन के पास के बच्चे पर भी हमे काम करना चाहिए
  • समुदाय को अपना अधिकार सम्झना होगा
  • बाढ़ के समय के लिए भी तैयारी होनी चाहिए
  • फोर्सेस के लेवल पर मॉडल क्रेस होना चाहिए
  • हमारे पुराने डॉक्युमेंट्स को भी रिवियू करना चाहिए
  • सरकारी योजना का लिस्ट हमारे पास होना चाहिए
  • हैंड होल्डिंग सपोर्ट भी होना चाहिए
  • बेस्ट प्रेक्टिस को भी कलेक्ट करना होगा
  • लोकल संसाधन पर भी काम करने की जरूरत है
  • 4 महीने का डीटेल प्लानिंग बनाने की जरूरत है
अल्प कालीन योजना
दिसंबर 2022 – मार्च 2023-   जिन पर सभी भागीदारों की सहमति है-
  • एक तथ्य खोज (Fact Finding) का संचालन करें और उसी के लिए नेशनल फोर्सेज एक मसौदा प्रश्नावली साझा करेंगे, जिसे 30 नवंबर 2022 तक बिहार फ़ोर्स पार्टनर द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा |
  • भागीदारों के वर्तमान कार्य क्षेत्र में ईसीसीडी पर जागरूकता और जागरूकता कार्यक्रम के डेटा के लिए निदान एक छोटा टेम्प्लेट विकसित करेगा।
  • बिहार फोर्सेज द्वारा न्यूनतम 1000 महिलाओं को जागरूक किया जाएगा |
  • फैक्ट फाइंडिंग के बाद पटना में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। राज्य स्तरीय आयोजन का उद्देश्य मंत्री, सचिव, समाज कल्याण निदेशक और अन्य हितधारकों के साथ निष्कर्षों को साझा करना होगा।
  • विधानसभा में सवाल उठाने और राज्य सरकार द्वारा ईसीसीडी के लिए बजट बढ़ाने के लिए विधायकों तक पहुंचना
  • ईसीसीडी पर भागीदारों के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण |
  • बिहार फ़ोर्स की ई-मेल आईडी बनाना
धन्यवाद् ज्ञापन के साथ ही कार्यशाला समाप्त हुई |

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